Lyrics of the song Buddha hi Buddha hai :
बुद्ध हि बुद्ध है, बुद्ध हि बुद्ध है
हर जगह , हर समय वो सिद्ध है वो सिद्ध है || (२)
मन मे तुम्हारे बसता वो गुणवान है
सम्यक शिक्षा से करता जो शीलवान है
अहिंसा की ताकत से जो बलवान है वो बुद्ध है ||
स्वयं पर स्वयं तू ध्यान कर ,
हलचल ह्रीदय की स्पन्दानो को जान कर
नित्य नियंत्रण से खुदकी पेहेचान कर
पायेगा जाब तू विजय स्वार्थ पर
विकृती पर तू निरंतर मात कर
ध्रीढ निश्चय से जब चित्त तेरा शुद्ध है तू बुद्ध है ||
परिवर्तन हि है ये जीवन का नियम
क्यो न हो ये धर्म का भी अधिनियम,
मैत्री प्रग्या शील हो जिसमे
सदैव तन मन पर सय्यम
कर पूजा सदगुनो की ए नादान
ईश्वर क्या बने , तू पहले बन इन्सान
कार्म्कांडो से नाही मिलता भगवान
चमत्कार नाही दुनिया मे तू मान
मानव सेवा हि तुझसे नितीबद्ध है तू बुद्ध है ||
जब चाले हिंसा हि आंधी
निर्लज्ज उठाये पापो का तुफान
ले चला जगात को विनाश के पथ पर
बेधुंद अहंकारी बना इन्सान
देखो उसे धून्डो उसे पाओ उसे , अंतर मन मे , जन मन तन मे
दीपक शांती का , करूणा का वो सागर , प्रग्या कि जो मूर्ती, दिव्या भाग्याशील नगर
देखो उसे धून्डो उसे पाओ उसे , यस जगात का ,
इस धारा का वो मार्गादाता श्रेष्ठ है , वो बुद्ध है ||